हाल के दिनों में, अमेरिका के राष्ट्रपति Donald Trump द्वारा Tariff लगाने की घोषणा से वैश्विक व्यापार जगत में हलचल मच गई है। अमेरिका ने India पर 27% टैरिफ़ लगाने की बात कही है, जिससे भारत समेत अन्य देशों की चिंता बढ़ गई है।
Tariff से वैश्विक व्यापार पर असर
अमेरिका के इस कदम से दुनियाभर के बाजारों में गिरावट देखी गई है। विशेषज्ञों के अनुसार, इससे वैश्विक आर्थिक संकट का खतरा बढ़ गया है। भारत में भी पेट्रोल, डीज़ल और गैस की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई है।
भारत की बढ़ी हुई ‘पॉवर’
इन चुनौतियों के बीच, भारत ने अपनी अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि की है। भारत अब पवन और सौर ऊर्जा का उत्पादन करने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। यह उपलब्धि भारत की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
भारत की रणनीति
भारत सरकार ने अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश बढ़ाने और नीतिगत समर्थन प्रदान करके इस क्षेत्र में प्रगति की है। सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया गया है, जिससे निजी और सार्वजनिक क्षेत्र दोनों का निवेश आकर्षित हुआ है।
निष्कर्ष
जहां एक ओर अमेरिका के Tariff से वैश्विक व्यापार पर दबाव बढ़ा है, वहीं भारत ने अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अपनी ताकत बढ़ाकर एक सकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत किया है। यह दिखाता है कि चुनौतियों के बावजूद, सही रणनीति और नीतियों के माध्यम से प्रगति संभव है।
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