Solar Plant – आजकल के इस आधुनिक युग में, जहां ऊर्जा की बढ़ती मांग और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता महसूस हो रही है, वहीं हमारे किसान भाई भी इस बदलाव में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं। राजस्थान सरकार ने किसानों के लिए PM Kusum Yojana के तहत एक शानदार अवसर प्रस्तुत किया है, जिससे वे अपनी जमीन पर Solar Power Plant स्थापित करके न केवल अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं, बल्कि अतिरिक्त बिजली बेचकर अच्छी आय भी अर्जित कर सकते हैं।
राजस्थान में Solar Plant योजना की शुरुआत
राजस्थान सरकार ने PM Kusum Solar Subsidy Yojana के कंपोनेंट “बी” और “ए” के तहत किसानों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और Solar Energy के उपयोग को बढ़ावा देना है। इसके तहत किसान या किसान समूह अपनी जमीन पर 0.5 मेगावाट से 2 मेगावाट तक की क्षमता वाले ग्रिड से जुड़े सोलर पावर प्लांट स्थापित कर सकते हैं।
आवेदन के पात्र कौन हैं?
इस योजना का लाभ अकेले किसान, किसान समूह, सहकारी समितियाँ और कृषि उत्पादन कंपनियाँ उठा सकती हैं। आवेदन के लिए किसी विशेष तकनीकी योग्यता या वित्तीय प्रतिबंध की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, जिन किसानों की जमीन 33/11 केवी के सबस्टेशन के पास स्थित है, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी, क्योंकि वहां ग्रिड कनेक्टिविटी स्थापित करना सरल होता है।
सरकार की सब्सिडी और बिजली खरीद नीति
राज्य सरकार किसानों को सोलर एनर्जी प्लांट स्थापित करने के लिए सब्सिडी प्रदान करेगी, जिससे उनकी निवेश लागत कम हो सके। प्लांट से उत्पादित बिजली को राज्य का विद्युत वितरण निगम खरीदेगा और उसे 3.04 रुपये प्रति किलोवाट घंटा की दर से 25 वर्षों तक खरीदेगा। इससे किसानों को दीर्घकालिक और स्थिर आय का स्रोत मिलेगा।
शुल्क और गारंटी संबंधित जानकारी
आवेदन प्रक्रिया के दौरान किसानों को निम्न शुल्क जमा करने होंगे:
- RISL शुल्क: ₹2,950
- आवेदन शुल्क: ₹5,000 प्रति मेगावाट
- बयाना राशि (EMD): ₹1 लाख प्रति मेगावाट
यदि किसान चयनित होते हैं, तो यह EMD राशि प्रदर्शन बैंक गारंटी (PBG) में बदल जाएगी, जो चयन पत्र मिलने के बाद 11 महीने तक वैध रहेगी।
योजना की प्रमुख विशेषताएं
1 मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट के लिए लगभग 1.5 से 2 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होती है। यदि कोई किसान अपनी जमीन पट्टे पर देना चाहता है, तो उसे सालाना ₹80,000 से ₹1,60,000 प्रति हेक्टेयर तक का किराया मिल सकता है, जिसमें हर दो साल में 5% की बढ़ोतरी होगी। चयनित बोलीदाताओं को 9 महीनों के भीतर प्रोजेक्ट चालू करना होगा।
आवेदन की अंतिम तिथि
आवेदन की अंतिम तिथि 30 अप्रैल 2025 है, और शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि 1 मई 2025 है। किसानों से अनुरोध है कि वे समय रहते सभी आवश्यक दस्तावेज और शुल्क के साथ आवेदन प्रक्रिया पूरी करें।
उद्देश्य और लाभ
राजस्थान सरकार की इस पहल का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना, ग्रामीण क्षेत्रों में Renewable Energy को बढ़ावा देना और बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भरता स्थापित करना है। साथ ही, इससे पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान मिलेगा, क्योंकि यह योजना Green Energy की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।
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