दुनिया में बढ़ती ऊर्जा जरूरतों और पर्यावरणीय चिंताओं को ध्यान में रखते हुए क्लीनटेक स्टार्टअप Attero ने राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान के साथ साझेदारी की है ताकि देश में Solar Panel रीसाइक्लिंग को नया जीवन मिल सके।
पर्यावरण के लिए जरूरी कदम
हर साल लाखों सोलर पैनल डिस्पोज़ होते हैं, जो भारी धातुओं और विषैले रसायनों से भरपूर होते हैं। इनका सही ढंग से निपटारा न होने पर पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य को बड़ा नुकसान हो सकता है।
Attero की भूमिका
Attero भारत का अग्रणी रीसाइक्लिंग प्लेटफ़ॉर्म है जो इलेक्ट्रॉनिक और सोलर वेस्ट को सुरक्षित तरीकों से प्रोसेस करता है। इस साझेदारी से Attero के पास रिसाइकलिंग तकनीकों को और तेज़ी से स्केल करने का अवसर मिलेगा।
राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान का योगदान
राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान देश में सौर ऊर्जा पर शोध और विकास का प्रमुख केंद्र है। इस सहयोग से संस्थान वैज्ञानिक अनुसंधान, परीक्षण और मानकीकरण में Attero को तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करेगा।
Solar Panel रीसाइक्लिंग कैसे काम करेगा
साझेदारी के तहत पुराने पैनल्स को इकट्ठा कर Attero के रीसाइक्लिंग यूनिट में भेजा जाएगा। वहां पैनल के ग्लास, सिलिकॉन बैकिंग और धातु फ्रेम को अलग-अलग कर पुनः उपयोग योग्य कच्चा माल तैयार किया जाएगा।
देश में रीसाइक्लिंग से होने वाले फायदे
इस पहल से कचरा कम होगा, कच्चे माल की कमी पूरी होगी और आर्थिक रूप से नए उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही सौर पैनल्स के जीवनचक्र को बढ़ाकर सतत विकास को मजबूत आधार मिलेगा।
चुनौतियाँ और समाधान
हालांकि डिस्पोज़ल नेटवर्क और जागरूकता की कमी चुनौतियाँ हैं, लेकिन सरकारी नीतियों और सार्वजनिक-निजी भागीदारी से इनका समाधान संभव है। इस गठजोड़ से मॉडल स्टेट्स में रेप्लिकेशन का मार्ग खुल जाएगा।
आगे की राह
इस साझेदारी के सफल प्रारूप के बाद पूरे भारत में Solar Panel रीसाइक्लिंग की प्रक्रिया को मानकीकृत किया जाएगा ताकि 2030 तक देश शून्य वेस्ट सोलर विजन हासिल कर सके।
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