Danfoss India का नया कीर्तिमान: 2025 में ₹5,000 करोड़ की कमाई का सपना

वैश्विक ऊर्जा दक्षता समाधान कंपनी Danfoss ने भारत में अपने व्यापार को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का संकल्प लिया है। कंपनी का लक्ष्य है कि वह 2025 तक भारत में ₹5,000 करोड़ का राजस्व प्राप्त करे, जो कि वर्तमान राजस्व से दोगुना है। यह महत्वाकांक्षी योजना भारत की हरित ऊर्जा और स्थिरता की दिशा में बढ़ती प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

विस्तार की योजना: 80 शहरों में पहुंच

Danfoss ने भारत में अपने भौगोलिक विस्तार की योजना बनाई है, जिसके तहत वह 80 से अधिक शहरों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगी। वर्तमान में कंपनी की उपस्थिति 56 शहरों में है, जिसे बढ़ाकर 80 किया जाएगा। यह विस्तार कंपनी को अधिक ग्राहकों तक पहुंचने और अपने उत्पादों की पहुंच बढ़ाने में मदद करेगा।

स्थानीयकरण और निवेश: ‘मेक इन इंडिया’ को समर्थन

Danfoss India में अपने उत्पादों का स्थानीयकरण 80-90% तक बढ़ाने की योजना बना रही है। इसके लिए कंपनी ने ₹1,200 करोड़ का निवेश करने का निर्णय लिया है, जिसमें पुणे में एक नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना और चेन्नई सुविधा का विस्तार शामिल है। यह कदम ‘मेक इन इंडिया’ पहल को समर्थन देने के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

नवाचार और उत्पाद विकास

कंपनी ऊर्जा, खाद्य, स्वास्थ्य देखभाल, इन्फ्रास्ट्रक्चर और मोबिलिटी जैसे क्षेत्रों में नवाचार पर ध्यान केंद्रित कर रही है। डैनफॉस ने पिछले दो वर्षों में 1,400 से अधिक इंजीनियरों को नियुक्त किया है और $300 मिलियन से अधिक का निवेश किया है, जिससे वह भारत में डिजिटल परिवर्तन और हरित अवसरों का लाभ उठा सके।

स्थिरता और हरित पहल

Danfoss ने 2030 तक कार्बन न्यूट्रल बनने का लक्ष्य निर्धारित किया है। कंपनी ने ‘ग्रीन आस्क’ पहल शुरू की है, जिसके तहत वह अपने आपूर्तिकर्ताओं के साथ मिलकर कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और पुनर्नवीनीकरण सामग्री के उपयोग को बढ़ावा देने पर काम कर रही है।

भारत में डैनफॉस की भविष्य की दिशा

Danfoss की यह रणनीति न केवल कंपनी के लिए बल्कि भारत के ऊर्जा दक्षता और स्थिरता लक्ष्यों के लिए भी महत्वपूर्ण है। कंपनी की योजनाएं भारत को अपने शीर्ष तीन वैश्विक बाजारों में शामिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। डैनफॉस का यह प्रयास भारत के हरित भविष्य की दिशा में एक मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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